
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
7 मई 2025 को, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में की गई, जिसमें 26 भारतीय हिंदू पर्यटकों की जान गई थी।
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🔴 ऑपरेशन सिंदूर: प्रमुख तथ्य

परिणाम: भारतीय सेना के अनुसार, लगभग 70 आतंकवादी मारे गए और सभी लक्षित ठिकानों को नष्ट कर दिया गया।
समय और अवधि: ऑपरेशन सिंदूर 7 मई की सुबह 1:00 बजे शुरू हुआ और लगभग 23 मिनट तक चला।
लक्ष्य: भारतीय वायुसेना ने नौ स्थानों पर स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
प्रमुख स्थान: कोटली, मुरिदके, बहावलपुर, सियालकोट, मुज़फ़्फराबाद, भिंबर, चक अमरू, गुलपुर।
प्रयुक्त हथियार: राफेल लड़ाकू विमानों से SCALP क्रूज़ मिसाइल और AASM हैमर बम का उपयोग किया गया।
🛡️ भारत का दृष्टिकोण
भारत सरकार ने इस ऑपरेशन को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताया। विदेश सचिव ने कहा कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को दर्शाती है और इसमें नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
⚔️ पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने इन हमलों को “युद्ध की कार्यवाही” करार दिया और दावा किया कि भारतीय हमलों में आठ नागरिकों की मौत हुई और 35 घायल हुए। पाकिस्तानी सेना ने यह भी दावा किया कि उन्होंने तीन भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया और भारतीय सेना के एक ब्रिगेड मुख्यालय को नष्ट किया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय हमलों को “शर्मनाक” बताया।
प्रभावित क्षेत्र
हमलों में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कई क्षेत्र प्रभावित हुए, जिनमें बहावलपुर, मुरिदके, मुज़फ़्फराबाद और कोटली शामिल हैं।
दृश्य झलकियाँ
विनाश के दृश्य: मुज़फ़्फराबाद और मुरिदके में हमलों के बाद के दृश्य।
भारतीय वायुसेना के हमले: भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों द्वारा आतंकवादी ठिकानों पर हमले की तस्वीरें।
मसूद अजहर का परिवार: जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के सदस्यों की मौत की खबरें।

🧭 निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हालांकि, इस कार्रवाई ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब दोनों देशों पर हैं, और सभी की आशा है कि यह स्थिति और अधिक न बिगड़े।
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